नई दिल्ली: आरबीआई और सरकार के बीच विवाद की खबरों के बीच सरकार ने अहम बयान दिया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक रिजर्व बैंक के संचालन के लिए स्वायत्तता आवश्यक एवं स्वीकार्य शर्त है. सार्वजनिक हित और अर्थव्यवस्था की जरूरत से रिजर्व बैंक और सरकार को दिशा मिलती है. समय-समय पर गहन परामर्श होता रहता है. हालांकि, बयान में इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि सरकार ने रिजर्व बैंक के साथ असहमति को लेकर गवर्नर उर्जित पटेल को निर्देश देने के लिए आरबीआई एक्ट के सेक्शन 7 का इस्तेमाल नहीं किया है.
वित्त मंत्रालय ने कहा, “सरकार ने कभी भी उन विचार विमर्श के मुद्दों को सार्वजनिक नहीं किया. केवल अंतिम निर्णय के बारे में लोगों को बताया जाता है. सरकार इन विचार विमर्शो के जरिए मुद्दों पर अपना मूल्यांकन करती है और संभावित उपाय के बारे में सलाह देती है. सरकार लगातार ऐसा करना जारी रखेगी.”
उल्लेखनीय है कि सरकार ने रिजर्व बैंक के साथ कुछ मुद्दे पर असहमति को लेकर आज तक कभी भी इस्तेमाल नहीं किये गये अधिकार का जिक्र किया था. मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सरकार ने गवर्नर उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा सात के तहत निर्देश देने का उल्लेख किया.
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने कम से कम तीन बार अलग-अलग मुद्दों पर धारा सात का उल्लेख किया. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया था कि सरकार ने इस विशेष धारा के तहत कोई निर्णय नहीं लिया है. रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा सात केंद्र सरकार को यह विशेषाधिकार प्रदान करती है कि वह केंद्रीय बैंक के असहमत होने की स्थिति में सार्वजनिक हित को देखते हुए गवर्नर को निर्देशित कर सकती है. सरकार त्वरित सुधारात्मक कदम (पीसीए) की रूपरेखा से लेकर तरलता प्रबंधन तक के मुद्दों पर रिजर्व बैंक से असहमत है.
पूर्व वित्त मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने जारी विवाद को लेकर ट्वीट में कहा कि यदि सरकार ने रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा सात का इस्तेमाल किया तो आने वाले समय में और भी बुरी खबरें सामने आएंगी.
उन्होंने कहा कि पूवर्वर्ती सरकारों ने 1991 में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण, 1997 के एशियाई वित्तीय संकट और 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के समय भी इसका इस्तेमाल नहीं किया था. उन्होंने कहा कि यदि धारा सात के इस्तेमाल की खबरें सही हैं तो इससे यह पता चलता है कि मौजूदा सरकार अर्थव्यवस्था से जुड़े तथ्यों को छुपाना चाहती है.