Monday, August 15, 2022
  • About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Audience Network
  • Home
    • Home – Layout 1
    • Home – Layout 2
    • Home – Layout 3
  • News
  • Politics
  • Business
  • Culture
  • Opinion
  • Lifestyle
  • Login
No Result
View All Result
Audience Network
Home देश

अयोध्या रामजन्म भूमि विवाद मामला : कोर्ट में हिन्‍दू-मुस्लिम पक्ष में तीखी बहस, फैसला सुरक्षित

admin by admin
July 20, 2018
in देश
0
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

नई दिल्‍ली: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 1994 के इस्माइल फारुकी के फैसले में पुनर्विचार के लिए मामले को संविधान पीठ भेजा जाए या नहीं, इस मसले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. दरअसल, मुस्लिम पक्षों ने नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का जरूरी हिस्सा न बताने वाले इस्माइल फारुकी के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है. मुख्‍य न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों के बीच गर्मागर्म बहस हुई.

हिन्दू पक्ष के वकील ने पिछली सुनवाई में मुस्लिमों पक्ष के वकील राजीव धवन के हिन्दू तालिबानी शब्द का प्रयोग करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कोर्ट ऐसे शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाए. धवन ने कहा कि वे अपनी बात पर क़ायम हैं. उन्‍होंने फिर कहा कि जिन्होंने 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद ढहाई वे हिन्दू तालिबानी थे जैसे बमियान में मुस्लिम तालिबान ने बुद्ध की मूर्ति गिराई थी. चीफ जस्टिस ने धवन की भाषा पर ऐतराज़ जताते हुए कहा कि ये भाषा ग़लत है और वकील कोर्ट की गरिमा और भाषा का ध्यान रखें. धवन ने कहा कि वे चीफ जस्टिस से सहमत नहीं हैं और उन्हें असहमत होने का अधिकार है, वे अपनी बात पर क़ायम है. कोर्ट में मौजूद वकीलों ने धवन के हिन्दू तालिबान कहने का विरोध किया.

Related posts

तीन तलाक पर बोले रविशंकर- सियासी चश्मे से न देखें सांसद

December 27, 2018

स्टालिन का PM पर बड़ा हमला, मोदी को बताया पॉलिटिकल ब्रोकर

December 27, 2018

पिछली सुनवाई में धवन ने कहा था-बाबरी मस्ज़िद को ‘हिन्दू तालिबान’ ने खत्म किया
पिछली सुनवाई में यूपी शिया सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि बाबरी मस्जिद को मीर बाक़ी ने बनाया था जो एक शिया थे, ऐसे में शिया वक़्फ़ बोर्ड के पास ही सही मायने में उसका अधिकार होना चाहिए और देश में एकता, शांति और सद्भावना बनाए रखने के लिए वह अपना एक तिहाई हिस्सा राम मंदिर बनाने के लिए देने के पक्ष में हैं. बोर्ड ने मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा न मानने वाले इस्माइल फारुखी फ़ैसले के अंश को पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ को भेजने का विरोध किया था.

वहीं सुन्नी वक्‍फ बोर्ड और मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश धवन ने दलील दी थी कि बमियान में गौतम बुद्ध की मूर्ति को मुस्लिम तालिबान ने ख़त्म किया, वहीं बाबरी मस्ज़िद को ‘हिन्दू तालिबान’ ने खत्म किया. मूल अपीलकर्ता जमीयत उलेमा हिन्द के एम सिद्दीक़ी की ओर से वकील राजीव धवन इस्माइल फारुखी केस के अंश को पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ को भेजे जाने के लिए बहस की थी.

यूपी सरकार ने मुस्लिम पक्ष पर सुनवाई लटकाने का लगाया था आरोप
यूपी सरकार ने मुस्लिम पक्ष पर अयोध्या राम जन्मभूमि मालिकाना हक मामले की अपीलों की सुनवाई लटकाने का आरोप लगाया था. प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडीशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 1994 के इस्माइल फारुखी फैसले में मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा न मानने के अंश को पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ को भेजने की मुस्लिम पक्ष की मांग का विरोध किया था. मेहता ने कहा था कि इतने दिन बाद इस तरह की मांग उठाना ठीक नहीं है इससे इन लोगों की मंशा पता चलती है.

अयोध्या जन्मभूमि मालिकाना हक के मामले की अपीलें सुनवाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं लेकिन ये लोग उसे लटकाने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि मुस्लिम पक्ष की ओर से धवन ने कहा कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है और इस्माइल फारुखी फैसले में की गई टिप्पणी गलत है इसलिए उस फैसले को पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ को भेजा जाना चाहिए. अयोध्या रामजन्मभूमि मालिकाना हक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कुल 13 अपीलें 2010 से सुप्रीम कोर्ट मे लंबित है लेकिन औपचारिक रूप से अभी तक मुख्य अपीलों पर सुनवाई शुरू नहीं हुई है.

इस्माइल फारुकी के फैसले पर पुनर्विचार की मांग
अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट फिलहाल विचार कर रहा है कि नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का जरूरी हिस्सा न बताने वाले इस्माइल फारुकी के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है या नहीं. इससे पहले मुस्लिम पक्षकारों ने फैसले में दी गई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मामले को पुनर्विचार के लिए बड़ी पीठ को भेजे जाने की मांग की थी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 1994 में अयोध्या में भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाले डाक्टर एम. इस्माइल फारुकी के मामले में 3-2 के बहुमत से दी गई व्यवस्था में कहा था कि नमाज के लिए मस्जिद इस्लाम धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है. मुसलमान कहीं भी नमाज अदा कर सकते हैं. यहां तक कि खुले में भी नमाज अदा की जा सकती है. ये बात फैसले के पैराग्राफ 82 में कही गई है. मुस्लिम पक्षकार एम. सिद्दीकी के वकील राजीव धवन ने गत 5 दिसंबर को इस फैसले पर सवाल उठाते मामला पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ को भेजे जाने की मांग की है.

क्‍या है पूरा मामला
राम मंदिर के लिए होने वाले आंदोलन के दौरान 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था. इस मामले में आपराधिक केस के साथ-साथ दीवानी मुकदमा भी चला. टाइटल विवाद से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को अयोध्या टाइटल विवाद में फैसला दिया था. फैसले में कहा गया था कि विवादित लैंड को 3 बराबर हिस्सों में बांटा जाए. जिस जगह रामलला की मूर्ति है उसे रामलला विराजमान को दिया जाए. सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को दिया जाए जबकि बाकी का एक तिहाई लैंड सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाए. इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया.

अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान और हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. वहीं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अर्जी दाखिल कर दीः इसके बाद इस मामले में कई और पक्षकारों ने याचिकाएं लगाईं. सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई करने की बात कही थी. सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट में इसके बाद से यह मामला पेंडिंग है.

Tags: Ayodhya caseBabri CaseMuslimRam templeअयोध्या केस

Advertisement

POPULAR NEWS

  • Study Professional Course Free – Hacking in Practice Certified Ethical Hacking MEGA Course – Questionnaires Live

    Study Professional Course Free – Hacking in Practice Certified Ethical Hacking MEGA Course – Questionnaires Live

    1 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Mobile Data, Not Internet Service Providers, To Be Blocked In Bali During Nyepi

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Jokowi Needs Multidimensional Dialogue On Criminal Code Bill: Alliance

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Ngurah Rai International Airport To Close For 24 Hours For Nyepi

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Indonesia To Offer Infrastructure Projects At IMF-World Bank Meeting

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
ADVERTISEMENT
Audience Network

We bring you the best Premium WordPress Themes that perfect for news, magazine, personal blog, etc.

Follow us on social media:

Recent News

  • Study Professional Course Free – Hacking in Practice Certified Ethical Hacking MEGA Course – Questionnaires Live
  • Mobile Data, Not Internet Service Providers, To Be Blocked In Bali During Nyepi
  • Jokowi Needs Multidimensional Dialogue On Criminal Code Bill: Alliance

Category

  • Culture
  • Lifestyle
  • National
  • News
  • Opinion
  • Photography
  • Politics
  • Sports
  • Technology
  • Travel
  • Uncategorized
  • बिज़नेस

Recent News

Study Professional Course Free – Hacking in Practice Certified Ethical Hacking MEGA Course – Questionnaires Live

Study Professional Course Free – Hacking in Practice Certified Ethical Hacking MEGA Course – Questionnaires Live

June 16, 2022

Mobile Data, Not Internet Service Providers, To Be Blocked In Bali During Nyepi

April 26, 2022
  • About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact

© 2022 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • Politics
  • News
  • Business
  • Culture
  • National
  • Sports
  • Lifestyle
  • Travel
  • Opinion

© 2022 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In