नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में भारत को परेशान करने के लिए पाकिस्तान आए दिन नए तरीके अपनाता रहता है. आमने-सामने के युद्ध में पराजय मिलने के बाद पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों के सहारे भारत में अशांति फैला रहा है. इतने भर से उसका मन नहीं भरा तो उसने पाकिस्तानी सेना के कुछ जवानों को मिलाकर बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) का गठन किया है. इस टीम में दक्ष निशानेबाज होते हैं, जो अत्याधुनिक लेंस से लैस राइफल्स की मदद से भारतीय जवानों को निशाना बनाते हैं. पिछले कुछ समय से बैट से मुकाबला करने में भारतीय सुरक्षा जवानों को परेशानी आ रही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. भारत एक ऐसी तरकीब ढूंढ ली है जिसमें कैंप में बैठे जवान रिमोट का बटन दबाएंगे और वहां बैट के शूटरों की लाशें गिरती जाएंगी.
दरअसल, सेना ने ऐसी तकनीक विकसित की हैं, जिसमें लाइट मशीनगन (एलएमजी), मीडियम मशीनगन (एमएमजी), एके-47 और एके-56 जैसी राइफलें रिमोट के जरिए संचालित हो सकेंगी. जानकार बताते हैं कि इस तकनीक में आप अत्याधुनिक राइफल्स को बॉर्डर पर तैनात करके थोड़ी दूरी पर कैंप में बैठकर रिमोट के जरिए फायरिंग की जा सकेगी. इन राइफल्स में लगे कैमरे अपने निशाने को तलाश लेंगे और वह कैंप में बैठे ऑपरेटर को भी दिखाई देंगे. उन्हीं वीडियो को देखकर रिमोट के जरिए फायरिंग की जा सकेगी.
इससे पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) की छिपकर भारतीय जवानों पर हमले करने की वारदात को रोका जा सकेगा. सेना के जवान राइफल से 100 मीटर की दूरी से अपने टारगेट को निशाना बना सकेंगे. इस तकनीक का लखनऊ स्थित अजरुनगंज फायरिंग रेंज और 11 जीआरआरसी की शॉर्ट रेंज में इसका सफल फील्ड ट्रायल किया गया. अब इसे इनोवेशन और आइडिया प्रदर्शनी में लगाया गया है. मोटर और रिले पर आधारित यह सिस्टम कॉकिंग, टिगर ऑपरेशन को नियंत्रित करता है. इसकी मदद से हथियार किसी भी दिशा में मुड़ सकता है.
राइफल में लेजर से निशाना साधने की क्षमता होगी, इसमें एक मोबाइल फोन लगा होगा जो कंट्रोलर बॉक्स से जुड़ा होगा. राइफल में लगा मोबाइल वाई-फाई के जरिये 100 मीटर दूर बैठे जवान के स्मार्टफोन से कनेक्ट होगा. एक एप के जरिये मोबाइल फोन लाइव वीडियो भेजेगा. जवान दूर से ही फायरिंग कर सकेगा. मोबाइल से वह राइफल को किसी भी दिशा में घूमा भी सकेगा. लेह लद्दाख जैसे अधिक सर्दी वाले इलाकों में यह सिस्टम जवानों के लिए मददगार साबित होगा.