भीमा कोरेगांव हिंसा के तार नक्सलियों से जुड़ने के बाद एक और बड़ा खुलासा हुआ है
नई दिल्ली: भीमा कोरेगांव हिंसा के तार नक्सलियों से जुड़ने के बाद एक और बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस को गिरफ्तार आरोपियों के लैपटॉप से एक ऐसा ई-मेल मिला है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का जिक्र है. जांच एजेंसियों इस ई-मेल की पुष्टि करने में जुटी हैं. इसकी कॉपी ‘जी न्यूज’ के पास है. यह ईमेल 18 अप्रैल 2017 को लिखा गया, जिसे पुलिस ने जारी किया है. यह किसी नक्सली नेता प्रकाश के नाम संबोधित है और लिखने वाले ने अपना नाम ‘R’ लिखा है. इसमें जैसे-तैसे हमला करने की बात कही गई है. पत्र में राजीव गांधी जैसा हत्याकांड दोहराने की बात है. इसके लिए नरेंद्र मोदी के रोड शो और रैलियों को हमले के लिए उपयुक्त बताया गया है. हालांकि भारतीय प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचना असंभव सा कार्य है. किसी अन्य राष्ट्राध्यक्ष की तरह, पीएम मोदी की सुरक्षा भी कड़ी, व्यापक और अभेद्य है.
1-भारतीय पीएम हमेशा सर्वाधिक प्रशिक्षित व अत्यधिक अलर्ट रहने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के कमांडो के घेरे में रहते हैं. किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में एसपीजी कमांडो पीएम के चारों तरफ रहते हैं और साथ चलते हैं. किसी भी कमांडो को पीएम की सुरक्षा में काफी पड़ताल के बाद तैनात किया जाता है. उसका पूरा पारिवारिक इतिहास परखा जाता है. उनका किन लोगों से मिलना-जुलना व संबंध हैं, इसकी जानकारी करने के बाद ही उन्हें एसपीजी में तैनात किया जाता है.
2-भारतीय प्रधानमंत्री के निजी सुरक्षा गार्ड सिक्योरिटी कवर की दूसरी पंक्ति में रहते हैं. ये भी एसपीजी कमांडो के बराबर प्रशिक्षित और दक्ष होते हैं. कोई भी अनहोनी रोकने में सक्षम. ये सार्वजनिक कार्यक्रमों में पीएम के आसपास फटकने वालों के हाव-भाव और व्यवहार पर नजर रखते हैं. उनकी चाल भांपते हैं.
3-तीसरा सुरक्षा कवर नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) देता है. इसके कमांडो भी सघन प्रशिक्षण लेने के बाद ही पीएम की सुरक्षा में तैनात किए जाते हैं. इनकी भी पारिवारिक पृष्ठभूमि और संबंधों की गहनता से जांच होती है.
4-सुरक्षा में चौथी पंक्ति में अर्द्धसुरक्षा बल के जवान और विभिन्न राज्यों के पुलिस अफसर होते हैं. जब प्रधानमंत्री किसी राज्य में जाते हैं तो यह प्रदेश पुलिस की जिम्मेदारी होती है कि वह बाहरी सुरक्षा का कवर मुहैया कराए और किसी भी अनहोनी को रोके.
5-प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कमांडो और पुलिस कवर के साथ कुछ अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस वाहन और एयरक्राफ्ट भी लगे रहते हैं. ये वाहन उच्च क्षमता के सैन्य आयुधों (Arms-amunition) से लैस होते हैं. अगर पीएम के काफिले पर जमीनी या हवाई हमला होता है तो इनके जरिए उससे आसानी से निपटा जा सकता है. यह किसी भी तरह के रासायनिक या जैविक हमले का जवाब भी दे सकते हैं.
4 भगोड़ों को पकड़ने के लिए पुलिस ने चलाया अभियान
पुणे पुलिस ने भीमा-कोरेगांव हिंसा में फरार चल रहे 4 आरोपियों को पकड़ने के लिए सघन अभियान चलाया है. ये आरोपी हैं-कॉमरेड मिलिंद, कॉमरेड दीपू, कॉरेड मंगलू और कॉमरेड प्रकाश. पुलिस ने इनको पकड़ने के लिए 6 टीम बनाई है. खुफिया एजेंसियों को भी अलर्ट किया गया है. खुफिया की सूचना है कि माओवादी संगठन से जुड़े नेता अब भी हमले की साजिश रच रहे हैं. वे देश के अलग-अलग हिस्सों में छिपे हुए हैं और उन्हें माओवादी संगठनों से जोड़ने का काम कर रहे हैं.