नई दिल्ली: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के दौरान पीपाड़ में हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी ने जहां एक ओर इस घटना के लिए सीधे तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाए हैं, वहीं कांग्रेस ने इसे बीजेपी की सियासी चाल बताया है. पत्थरबाजी की घटना पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा से हिंसा की निंदा करती आई है. बीजेपी ने राजनैतिक फायदा उठाने और कांग्रेस को बदनाम करने के लिए यह चाल खुद चली है.
पथराव करने वालों में न ही कोई कांग्रेसी था न ही भाजपाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि पीपाड़ की आक्रोशित जनता लंबे समय से धरना कर रही है. इस धरने में न ही कोई कांग्रेसी है और न ही कोई भाजपाई है. उन्होने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर अहंकारी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीपाड़ की आक्रोशित जनता ने भूख हड़ताल की, कई बार बंद का आयोजन भी किया. बावजूद इसके, बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार ने इन आक्रोशित लोगों की सुध एक बार भी नहीं ली. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध में नारेबाजी और काले झंडे दिखाए जाते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को किसी तरह का विरोध पसंद नहीं है.
300 लोगों को गिरफ्तार कर मैने पूरी कराई थी राजे की रथ यात्रा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 2003 में परिवर्तन यात्रा के दौरान हुई घटना शायद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भूल गई हैं. इस यात्रा के दौरान सामाजिक न्याय मंच ने हिंसक विरोध किया था. उस वक्त तत्काली प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सभा होने वाली थी. बतौर मुख्यमंत्री मैने रातों रात सामाजिक न्याय मंच के 300 लोगों को गिरफ्तार कराया था. जिसके बाद, न केवल वाजपेयी जी की सभा हुई, बल्कि वसुंधरा राजे ने अपनी यात्रा भी पूरी की. वहीं, इस यात्रा के दौरान विरोध करने वालों में देवी सिंह भाटी और लोकेंद्र सिंह कालवी भी शामिल थे. आज यही दोनों लोग मुख्यमंत्री के सबसे करीबी हैं.
मुख्यमंत्री को राजे को अशोक गहलोत ने बताया विकास विरोधी
बीजेपी के आरोपों से नाराज वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर विकास विरोधी होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के हित में उनकी यूपीए सरकार ने भीलवाड़ा में रेल कोच फैक्ट्री का आवंटन किया था. बीजेपी की सरकार आते ही इस कोच फैक्टरी का काम बंद कर दिया गया. इनता ही नहीं, आम जन मानस से जुड़ी हुई जयपुर मेट्रो के दूसरे फेस को बीजेपी की राजस्थान सरकार ने शुरू ही नहीं होने दिया. इसी तरह, जोधपुर के लिए तैयार मेट्रो प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. आम जनता से जुड़े हुए इन कामों को रोककर बीजेपी ने अपनी नकारात्मक मानसिकता और विरोक विरोधी होने की बात साबित की है.