नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की बीच छिड़ी जुबानी जंग अब हिंसक हो चली है. राजस्थान में हो रही सियासी हिंसा की पहली बानगी शनिवार को जोधपुर में देखने को मिली. जहां पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए गए, फिर काफिले पर जमकर पथराव किए गए. इस हिंसा में सियासी रंग उस वक्त चढ़ गया जब पथराव कर रहे अरातजकतत्वों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के पक्ष में जिंदाबाद के नारे शुरू कर दिए. हालात यहां तक बिगड़ गए कि पुलिस को हल्का बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
शुक्रवार रात ही शुरू हो गई थी हिंसा की शुरूआत
गौरव यात्रा के दूसरे दिन निर्धारित कार्यक्रम के तहत शनिवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ओसियां व शेरगढ़ में जनसभाओं को संबोधित करने वाली थीं. सभा स्थल पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बैनर पोस्टर लग चुके थे. बीजेपी कार्यकर्ताओं को अगली सुबह का इंतजार था. सुबह होती इससे पहले कुछ अराजकतत्व सभा स्थल पर पहुंच गए. उन्होंने न केवल बैनर पोस्टर फाड़े बल्कि पूरी तैयारियों को तहस नहस कर दिया. हिंसक राजनीति यहीं नहीं थमी. शनिवार सुबह जब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे देचू के हेलीपैड पर सेखाला के लिए उड़ान भरने पहुंची, तब सोलर प्लांट के इर्द गिर्द जमा लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
ओसियां में जलाए गए टायर, पुलिस ने चलाईं लाठियां
लगातार विरोध का सामना करते हुए मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा का काफिला ओसियां की तरफ बढ़ चला. वह ओसियां पहुंचती, इससे पहले कुछ लोग काले झंडे लेकर मुख्यमंत्री के सभा स्थल में घुसने लगे. पुलिस ने जब इन्हें रोकने की कोशिश की तो ये लोग हिंसक हो गए. जिसके चलते, पुलिस को लाठियों के बल इन्हें मौके से खदेड़ना पड़ा. स्थानीय बीजेपी नेताओं का आरोप है कि हंगामा करने वाले ये लोग खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल के समर्थक हैं. वहीं, यह हंगामा थमा हीं नही था, तभी मुख्यमंत्री के तब तक न पहुंचने से नाराज राजपूतों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने हाईवे पर टायर रखकर उनमें आग लगा दी. पुलिस को लाठी के बल इन लोगों को भी खदेड़ना पड़ा.
बाबड़ी में मुख्यमंत्री के काफिले पर हो गई पत्थरबाजी
ओसियां की जनसभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा का काफिला बावड़ी की तरफ बढ़ चला. बावड़ी पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने बस की खिड़की खोलकर कार्यकर्ताओं के बातचीत शुरू कर दी. इसी दौरान कुछ लोगों ने काफिले पर पथराव करना शुरू कर दिया. इस पथराव में एक पत्थर मुख्यंत्री की बस, पर तो दूसरा पत्थर चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ की कार में लगा. गनीमत रहीं कि पत्थरबाजों का निशाना चूक गया और पत्थर मुख्यमंत्री से कुछ दूरी पर जाकर बस के शीशे से जा टकराया. शनिवार सुबह से शाम तक हुए हिंसक विरोध का जिक्र अपने भाषण में करते हुए मुख्यमंत्री ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को कहा कि न ही काले झंडे दिखाने वालों से और न ही पत्थर फेंकने वालों से घबराने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने कहा, जान जाना भी मेरी खुशकिस्मती होगी..
नारेबाजी से शुरू हुआ विरोध, रात होते होते पत्थरबाजी में तब्दील हो गया. इस हिंसक प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता के इशारे पर राजस्थान गौरव यात्रा पर पथराव हुआ है. उनकी इस हिंसा से हम डरने वाले नहीं है. उनका हिंसक विरोध, उनकी बौखलाहट को दिखाता है. वह एक महिला को डराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान की नारी शक्ति इन हिंसक घटनाओं से डरने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के लिए मेरी जान भी चली जाए तो मैने इसे अपनी खुशकिस्मती समझूंगी.